शोध नवनीत (अन्ताराष्ट्रिया मूल्यांकिता शोध-पत्रिका)

षाण्मासिकी अन्ताराष्ट्रिया मूल्यांकिता शोध-पत्रिका ”शोध नवनीत” ISSN: 2321-6581 की स्थापना पत्रांक संख्या: NSL/ISSN/INF/2013/1467  के द्वारा स्तुति प्राच्यविद्या समिति गोण्डा, उत्तर प्रदेश, भारत द्वारा समाजोपयोगी,नवीन एवं प्राच्यज्ञान के प्रचार प्रसार हेतु किया गया है। प्रत्येक मनुष्य में अन्तर्निहित जिज्ञासा उसे ज्ञान के विविध विषयों एवं क्षेत्रों की जानकारी के प्रति प्रेरित करती है | इसी ज्ञान जिज्ञासा के कारण प्रमाता ज्ञान के नवीन एवं अनुद्घाटित पक्षों का उद्घाटन करता है | नवीन ज्ञानोपलब्धि की यह प्रक्रिया जब सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक तरीके से क्रियान्वित की जाती है,तो ‘शोध’ की संज्ञा से अभिहित होती है | शोध वह प्रक्रिया है,जिसमें शोधकर्ता बोधपूर्वक तथ्यों का संकलन करके विविध शोध प्रविधियों का आश्रयण लेते हुए तथ्यों के विश्लेषण से किसी तार्किक निष्कर्ष तक पहुँचता है | शोध में गुणवत्ता तथा वस्तुनिष्ठता का होना अत्यंत अनिवार्य है क्योंकि शोध मात्र तथ्यों का पिष्टपेषण नहीं होता है | शोध मौलिक, विद्वत्तापूर्ण एवं जनोपयोगी होना चाहिए | शोध न केवल मानव ज्ञान को दिशा प्रदान करता है अपितु उपलब्ध ज्ञानसम्पदा को विकसित एवं परिमार्जित भी करता है | इसी उद्देश्य के आयाम हेतु शोध नवनीत देश-विदेश के विद्यार्थियों, शोधच्छात्रों, शिक्षाविदों तथा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के शोध प्रक्रिया आधारित गुणवत्तापरक/ज्ञानपूर्ण शोधपत्रों/शोधलेखों को प्रकाशन हेतु आमंत्रित करता है।